शुक्रवार, 10 जून 2011
MERI DIARY: आइना खुद देखें
MERI DIARY: आइना खुद देखें: "आज भ्रस्टाचार के खिलाफ पुरे देश में आवाज उठ रही है सरे मीडिया जगत में बस यही एक मुद्दा छाया है...बाबा रामदेव के आन्दोलन के खिलाफ भी सुर ता..."
आइना खुद देखें
आज भ्रस्टाचार के खिलाफ पुरे देश में आवाज उठ रही है सरे मीडिया जगत में बस यही एक मुद्दा छाया है...बाबा रामदेव के आन्दोलन के खिलाफ भी सुर ताल ठोक रहा है मीडिया ....मै भी इसी खेल का हिस्सा हूँ हर रोज़ इस खेल को देख रही हूँ..लोगों को सुन रही हूँ रामदेव की सारी प्रेस कांफ्रेंस मैंने बेहद बारीकी से सुनी हैं..और शायद समझा भी..भ्रस्टाचार के आन्दोलन मै कभी बाबा से उनके पैसे का हिसाब माँगा जाता है तो कभी उनके अनशन के खिलाफ सवाल खड़े किये जा रहे हैं..इतना ही नहीं उनके शब्दों को को द्विअर्थी बनाकर उसका दूसरा ही अर्थ कुछ खबरिया चैनल जनता के सामने रख रहे हैं..चाहे वो फ़ौज बनाए वाली बात हो या फिर कुछ और ..ये सब कुछ मैं रोज़ देख सुन रही हूँ और चला भी रही हूँ..लेकिन जिस भ्रस्टाचार के खिलाफ आज पूरा देश लामबंद होकर बोल रहा है उसमे मीडिया की बड़ी भूमिका है..वो चाहे तो किसी को असमान पे बिठा दे या फिर किसी को ज़मीन पर रहने लायक भी न छोड़े बाबा की बातों को घुमा फिरा के जनता तक पहुचाया जा रहा है..जनता को उनके खिलाफ भड़काया जा रहा है..क्योकि जिस भूत को मारने के लिए पूरा देश लामबंद है उसके दलदल में ये मीडिया गले तक नहीं बल्कि सर तक डूबा हुआ है..कैसे एक अदना से पत्रकार के पास करोड़ों का घर बनाने की औकात आ जाती है..इस ओर किसी का ध्यान नहीं गया..क्योकि सच वही जो बड़ा चैनल दिखाए..क्या आपको पता है की कुछ न्यूज़ चैनल को सरकार ने पैसा दिया है बाबा के खिलाफ ख़बरें दिखाने का..नहीं पता होगा क्योकि चोर चोर मौसेरे भाई ..मैं इसलिए ये सब नही कह रही हूँ की मैं बाबा की भक्त हूँ..मैं बाबा की समर्थक नहीं हूँ ..लेकिन आज जो सच मैं रोज़ देख रही हूँ उसको बता रही हूँ..मुझे रामदेव जी से कोई लेने देना नहीं..मेरे अपने उसूल हैं...बाबा के पास करोडो की सम्पति है..लेकिन कही ना कहीं वो सम्पति आम लोगों तक भी पहुँच रही है..और ना भी पहुच रही हो इन नेताओं से तो बेहतर हैं जो जनता का पैसा जनता से लेकर उन्ही पे लाठियां चलवाते हैं..माया उत्तर प्रदेश में हों या फिर केंद्र की सरकार..और आज जिस तरह की ख़बरें हम चलते हैं उससे साफ समझ आ जाता है की ज्ञान का स्तर क्या हो गया है..सब अंग्रेजो के भक्त हैं ..बाबा अंग्रजी में बोलते तो शायद सही अर्थ निकल पाते..विशुद्ध हिंदी का अर्थ तो गलत सलत निकालेंगे ही..इसलिए जनता जब भ्रस्टाचार की बात सोचे, इन मीडिया के बड़े बड़े नामों पर भी सवाल जरुर खड़ा करे की उनके पास इतना पैसा आया कहाँ से..और सवाल करे की भत्ता पारसोल में किसानो के हिमायती बनकर पहुचे कांग्रेस के युवराज़ अब क्यों चुप हैं...इसका एक जवाब मैं देती हूँ बाकि आप समझें..क्योकि भोले गरीबों को घडियाली आंसू भी सच ही दिखाई देंगे क्योकि उनके लिए वही सच है जो सामने है इसलिए राहुल साहब सबके सामने मसीहा बनने चले आते हैं और मासूमो को बेवकूफ बनाकर चल देते हैं..अब इसलिए चुप हैं की बुद्धिजीवी उनके इन घडियाली आंसुओं से पिघलने वाले नहीं..मैं बस इतना ही कहूँगी अगर आप भ्रस्टाचार की लड़ाई के समर्थक हैं तो स्टार आज तक और ऐसे किसी खबरिया चैनल पर भरोसा ना करें..क्योकि इस देश का चौथा स्तंभ भी इस भ्रस्टाचार का अहम् पहलु है..करें वही जो आपका दिल कहे...और हाँ एक बात अपने इतिहास और ग्रंथों पर जरुर गौर करें जहाँ सन्यासी राजनीतिक सलाहकार हुआ करते थे..अगर बाबा राजनीति भी करते हैं तो इसमें कुछ गलत नहीं..क्योकि अब इस देश को भोगियों की नहीं योगियों की जरुरत है....
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